जिम में हम अक्सर एक्सरसाइज करते वक्त खूब पसीना तो बहाते हैं लेकिन स्ट्रेचिंग के महत्व को नजरअंदाज कर देते हैं। स्ट्रेचिंग आपके फिटनेस गोल को हासिल करने में एक अहम भूमिका अदा करती है। मांसपेशियों को दोबारा एक्सरसाइज करने के लिए तैयार करने में स्ट्रेचिंग की जरूरत होती है।

यदि आप बॉडी बनाना चाहते हैं या फिर मोटापा कम करना चाहते हैं, इन दोनों ही स्थिति में स्ट्रेचिंग जरूरी होती है। यह आपकी मांसपेशियों को चोटिल होने या उनमें खिंचाव आने से बचाती है। साथ ही नियमित स्ट्रेचिंग करने से शरीर में लचीलापन बना रहता है, जिससे एक्सरसाइज करने में आसानी होती है।

शरीर के हर हिस्से के लिए अलग-अलग स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज की जाती है, जिनके बारे में आपका जानना बेहद ही जरूरी है। कई बार स्ट्रेचिंग को अनदेखा करने से आपकी सारी मेहनत बर्बाद हो जाती है। इसलिए आज हम आपको इन 7 स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।

लंजेस स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज
इसके लिए आपको अपने कंधों की चौड़ाई पर दोनों पैरों के बल खड़ा होना है और दोनों हाथों को हिप्स पर रखना है। इसके बाद आपको एक पैर को आगे की तरफ बढ़ाना है।

आगे के घुटने को इस तरह मोड़ना है, जिससे हिप्स नीचे की तरफ जाएंगे। ऐसा आपको तब तक करना है जब तक कि आपके पिछले पैर का घुटना जमीन को लगभग छू न ले। आपको शरीर को खंभे की तरह खड़ा रखना है। आपका अगला घुटना अगले पंजे से थोड़ी दूर ही रहे।

इसमें अगले पैर की ऐड़ी से सारा सपोर्ट लें और फिर दोबारा पुरानी अवस्था में जाने के लिए घुटनों को सीधा कर लें। इसमें आपको कम से कम 20 सेकेंड तक अपने शरीर को इसी अवस्था में बनाए रखना है। ठीक ऐसा ही दूसरे पैर से भी करें।

योगासन में बैठकर स्ट्रेचिंग
इस स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज को करने के लिए आपको योगासन अवस्था में बैठना होगा। इसके बाद दोनों पैरों के तलवों को एक दूसरे से मिला लें। फिर दोनों हाथों से पंजों के ऊपरी हिस्से यानिकी अंगूठा समेत तीन उंगलियों को पकड़ लें। फिर धीरे-धीरे दोनों हाथों की कोहनियों से पैरों के घुटनों को नीचे की तरफ धकेलें।

जब आपको लगता है कि आप इससे ज्यादा नीचे की तरफ नहीं ले जा सकते तब कम से कम 15 सेकेंड के लिए अपने आपको इसी अवस्था में रोकें। इसके बाद ही सामान्य स्थिति में लौटें। इसमें आपके घुटनों, कंधों और हिप्स की मांसपेशियों की स्ट्रेचिंग होगी।

कोबरा स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज
फिटनेस एक्सपर्ट्स की राय में कोबरा स्ट्रेचिंग सबसे सुरक्षित एक्सरसाइज मानी जाती है। यह आपके शरीर की बनावट को भी बेहतर बनाती है। सबसे पहले आपको फर्श पर चटाई बिछाकर पेट के बल लेटना है। इसमें पैरों को पीछे की तरफ फैला लें। चटाई पर आपका सिर एकदम आरामदेह अवस्था में होना चाहिए।

चेहरे को नीचे की तरफ रखें। इसके बाद दोनों कोहनियों को मोड़कर हथेलियों को कंधे के नीचे रखें। फिर आपको गहरी सांस लेकर छाती को फुलाकर ऊपर की तरफ उठना है। ऐसा करते वक्त धीरे-धीरे हाथों से जमीन पर दबाव डालें। इसमें आपकी बैक की मांसपेशियां सक्रिय हो जाएंगी। इस स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज में ज्यादातर काम आपकी बैक करती है।

इसलिए आपको दोनों हाथों को उठाना है, ऐसा करते वक्त इस बात का ध्यान रखना है कि आपकी बैक की मांसपेशियां इसमें सक्रिय रहें। इस दौरान दोनों कोहनी को हल्का मोड़कर रखें। यदि आप इससे ज्यादा स्ट्रेच करना चाहते हैं, तो कोहनी को बिलकुल सीधा कर लें। फिर सांस को थामे हुए शरीर को 10-15 सेकेंड तक रोककर रखें।

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हिप की ऐसे करें स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज
पीठ के बल लेट जाएं। इसके बाद दोनों पैरों को फैला लें। फिर सीधे पैर को दाएं पैर की जांघ पर रखे लें। इसके बाद सीधे पैर के टखने को दाएं पैर के घुटने के ऊपर रखें, ऐसा करते वक्त आपको चार नंबर जैसा आकार बनाना है। इसके बाद अपना दायां पंजा ऊपर उठाकर आगे की तरफ करिए।

इसमें आपके हाथ जांघ से पीछे होने चाहिए। धीरे-धीरे अपने बाईं जांघ को अपने छाती की तरफ खींचे। इसमें दाएं पैर के घुटने को खुला रखें। तब तक करीब लाते रहें जब तक आपको हिस्प और जांघ में अच्छी स्ट्रेचिंग महसूस न हों। इस दौरान आपको 15 सेकेंड के लिए रुकना है। दूसरे पैर से करने से पहले आप इसे दो बार करें।

जांघ से लेकर कमर की ऐसे करें स्ट्रेचिंग
इस स्ट्रेचिंग को करने के लिए आपको चटाई पर लेटना होगा। इसके बाद आप एक घुटने को मोड़ लें और उसे बाजुओं का इस्तेमाल करते हुए छाती की तरफ खींचे। ऐसा करते वक्त आपको इस बात का ध्यान रखना है कि आपकी गर्दन जमीन से ज्यादा ऊपर न उठे, ऐसा होने पर गर्दन की मांसपेशियों पर दबाव पड़ता है।

जैसे-जैसे आप एक घुटने को मोड़कर उसे दोनों हाथों से छाती की तरफ खीचेंगे, वैसे-वैसे आपको हिप्स और जांघ के पिछले हिस्से की मांसपेशियों में स्ट्रेचिंग का अहसास होगा। स्ट्रेच का अहसास होने पर आपको इसे 15 सेकेंड तक के लिए उसी अवस्था में रोके रखना है। दूसरे पैर की स्ट्रेचिंग करने से पहले आपको इसे एक पैर से दो बार दोहराना है।

पाइक स्ट्रेचिंग
यदि आप जिम में थाई की कठिन एक्सरसाइज करते हैं तो आपको उन्हें थोड़ा आराम देने की जरूरत है। आपकी थाई में दो सबसे बड़ी मांसपेशियां हेमस्ट्रिंग और क्वॉर्डिसेप्स होते हीं।

पाइक स्ट्रेचिंग में हेमस्ट्रिंग और काल्फ की दो मांसपेशियों सीलियस, गेस्ट्रोनिमस को टारगेट किया जाता है। इनकी स्ट्रेचिंग के लिए आपको पैरों को सिकोड़कर जमीन पर बैठना है उसके बाद दोनों पैरों को आगे की तरफ खोल दें। फिर दोनों हाथों से पैरों के तलवों को पकड़ने की कोशिश करें।

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इस दौरान आप तलवों को जितना नीचे की तरफ से छूने की कोशिश करेंगे उतनी ही गहराई से आपको पैर में ऊपर से लेकर निचले हिस्से में स्ट्रेचिंग का अहसास होगा। जैसे ही स्ट्रेचिंग का अहसास हो, आपको उसी अवस्था में 15 सेकेंड तक के लिए रुक जाना है।

खड़े होकर करें पेट की स्ट्रेचिंग
इससे पहले खड़े होकर शायद ही आपने पेट के बाहरी हिस्से (ओबलीग) की स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज की होगी। यह स्ट्रेचिंग न सिर्फ पेट की मांसपेशियों को स्ट्रेच करती है बल्कि पेट के सामने वाले हिस्से की मांसपेशियों और रीढ़ की आसपास की मांसपेशियों की स्ट्रेचिंग करती है।

अक्सर क्रंचेज करने के बाद आपकी पेट की मांसपेशियां दबाव में रहती हैं। इनकी स्ट्रेचिंग के लिए आपको दोनों पैरों को कंधे के बरारबर की चौड़ाई में रखना है। उंगलियों को अंदर की तरफ करते हुए बाजुओं को ऊपर की तरफ ले जाएं। बाजुओं को ऊपर मोड़ते वक्त आपकी हथेलियों की दिशा ऊपर की तरफ रहेगी।

इसके बाद आपको इसे सीधी तरफ मोड़ना है। पूरी एक्सरसाइज के दौरान हिप्स को एक जगह बनाए रखना है। जैसे ही आपका हाथ सीधी तरफ मुड़ेगा वैसी ही आपका पेट के बाहरी हिस्से में स्ट्रेचिंग का अहसास होगा। इस अवस्था में आपको 20-30 सेकेंड तक रुकना है। इसके बाद आपको पुनः पहले वाली अवस्था में लौटना है।

बाजुओं की स्ट्रेचिंग कैसे करें?
जब तक आपको बाजुओं में समस्या का अहसास नहीं होता तब तक आप इसे नजरअंदाज करते रहते हैं। शरीर में यह एक ऐसा हिस्सा है, जो दबाव को झेल सकता है। इसलिए इसकी स्ट्रेचिंग जरूरी है। बाजुओं में किसी भी समस्या के पैदा होने से पहले बेहतर है कि आप इसकी स्ट्रेचिंग कर लें, जिससे यह चोटिल न हों। अकड़ी हुई बाजू को आराम देने के लिए आपको इस स्ट्रेचिंग को करना है।

आपको बाएं हाथ को सामने की तरफ फैलाकर हथेली को नीचे की तरफ रखना है। इसके बाद कलाई को अपनी तरफ मोड़ लें। फिर सीधे हाथ से इसे उल्टी तरफ खींचे, जिससे आपके बाजुओं के फ्लेक्सर की स्ट्रेचिंग होगी। इसे छोड़ने से पहले तीस सेकेंड तक इसे रोके रखें।

इसके बाद कलाई को जमीन की तरफ करके इसे मोड़ें और फिर सीधे हाथ से दाएं हाथ की उंगलियों उल्टी दिशा में खींचे, इससे बाजुओं के बाहरी तरफ स्थित फ्लेक्सर्स स्ट्रेच होंगे। इसे भी आपको तीस सेकेंड तक रोके रखना है। ठीक ऐसा ही आपको सीधे हाथ से भी करना है। एक अच्छी स्ट्रेचिंग के लिए और बाजुओं के कारण होने वाले जकड़न को ठीक करने के लिए इस स्ट्रेचिंग को कम से कम 10 बार करें।

जानें बाइसेप्स स्ट्रेचिंग का आसान तरीका
आपके ट्राइसेप्स की तुलना में बाइसेप्स ज्यादा वजन उठाते हैं। हालांकि, दबाव को कम करने के लिए इनका थोड़ा ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन फिर भी यह अकड़ सकते हैं। इनकी स्ट्रेचिंग करने के लिए एक आसान तरीका है, जो कारगर भी है। बाइसेप्स की स्ट्रेचिंग को करने के लिए दोनों हाथों को बाहर की तरफ खोल लें, जिससे यह आपके कंधे के बराबर आ जाते हैं।

इसमें आपको हथेलियों को आगे की तरफ रखना है और धीरे इन्हें पीछे की तरफ करना जब तक कि हथेलियां आपके पीछे की तरफ न चली जाएं। स्ट्रेचिंग के दौरान आपको बाजुओं को नीचे की तरफ नहीं करना है। ऐसा करने पर आपको दोनों बाइसेप्स में स्ट्रेचिंग का अहसास होगा।

हालांकि, इस दौरान एक बाइसेप्स से ज्यादा दूसरे में अच्छी स्ट्रेचिंग का अहसास होना एक असामान्य बात होगी। आपको इस अवस्था में 30 सेकेंड तक रुकना है और इसके बाद बाजुओं को दोबारा उसी स्थिति में लाकर उन्हें आराम दें। बाइसेप्स की अच्छी स्ट्रेचिंग के लिए कम से कम इसे पांच बार करें

(और पढ़ें - बाइसेप्स बनाने की एक्सरसाइज)

चेस्ट की स्ट्रेचिंग का अनोखा तरीका
स्ट्रेचिंग करते वक्त अक्सर छाती की मांसपेशियों को नजरअंदाज करना कोई अनोखी बात नहीं। हमारी अपर बॉडी में छाती की मांसपेशियां सबसे बड़ी होती हैं। इनकी स्ट्रेचिंग बैठकर या फिर खड़े होकर भी की जा सकती है। बैठकर या खड़े होकर दोनों हांथो की उंगलियों को आपस में जकड़ लें। इसके बाद दोनों हाथों की कोहनी को मोड़ें और बाजुओं को सिर से ऊपर की तरफ उठाएं। इसके बाद धीरे-धीरे कंधों को सिकोड़ते हुए हाथों को पीछे की तरफ लेकर जाएं।

(और पढ़ें - चेस्ट बढ़ाने की एक्सरसाइज)

संदर्भ

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  2. Worrell TW et al. Effect of Hamstring Stretching on Hamstring Muscle Performance. Journal of Orthopaedic & Sports Physical Therapy. 1994 Sep; 20(3): 154-159.
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